Deshbhakti

रक्त बहा देता है अपना,
दर्द भुला देता है अपना,
शहीद होने को तैयार है,
देखो ! देश से कितना प्यार है |

देश कि मिट्टी माथे पे मल,
माटी में मिल्ने को तैयार,
चाहे चले मोमबत्ती लेके,
या चले कंधे पर बन्दूक सवार |

चलोगे जब तुम एक जुट होकर,
लेकर हाथों में हाथ,
मन में यह भावना रख कर,
कि जीये साथ और मरे साथ |

जिन्दगी छोटी सी है,
उद्देश्य इस्क एक हि है,
त्याग करो इस्क दूसरों के लिए,
जीयो भी उनके लिए |


यह मेरी हिन्दी पोएम थि ! ऊप्स !!
This was my hindi poem for an assignment in school... so thank you for taking out time...

Proud to be an INDIAN....

The 1st April Guy...

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